चीन की दुविधा

चीन भारत की जनतांत्रिक शक्ति के खिलाफ है, नहीं तो उनका अपना नागरिक उनसे विद्रोह कर लेगा।
चीन की दुविधा बहुतेरे समझ नहीं रहे , चीन हमारे साथ आज से नहीं वर्षों से सांस्कृतिक युद्ध कर रहा है, क्योंकि यह राष्ट्र पूरी दुनिया के लिए धर्म के मर्म की मिसाल है, वो माओवादी हैं धर्म के खिलाफ, हम यहाँ, गुरुद्वारों से, मंदिरों से,मस्जिदों से, चर्च से, बोधि पगोडों से ईश्वर की चेतना का सम्मान करते हैं, वो सारे प्रार्थना के स्थलों को तोड़ते रहे हैं। हमने इतिहास का सम्मान किया वो इतिहास विरोधी रहे हैं, हमने समस्त पंथों के प्रति समभाव देखा उन्होंने न जाने कितने पंथों की हत्या की। हम व्यक्ति की चेतना का सम्मान करते हैं वो पार्टी की, पोलितब्यूरो के भीड़ की। यहाँ युद्ध व्यक्ति की चेतना से है, वो व्यक्ति की चेतना, स्वतंत्रता के खिलाफ हैं, यहाँ स्वतंत्रता के मान के लिए न जाने कितने लोगों ने जान दी है।