उन कारणों पर जाना बड़ा जरूरी है कि वो कारण क्या थे, जिनके कारण से कहीं कोई नरेन्द्र दत्त विवेकानन्द बनने पर मजबूर हो जाता है, क्योंकि ऐसा तो है नहीं कि विवेकानंदजी के पहले कोई युवा नहीं थे। ऐसा भी नहीं है कि रामकृष्ण परमहंस के पहले कोई महान गुरु नहीं थे, लेकिन वो संभावनाएं क्या थी, जिसका इस्तेमाल विवेकानंदजी ने भी किया और जिसका पूरी तरीके से रामकृष्ण परमहंस जी ने भी किया। आखिर वो कारण क्या थे ? उन कारणों के ऊपर अगर बात हुई तो मैं समझता हूं, जो भी हमारा 10 मिनट, 15 मिनट का कार्यक्रम होगा, वो कार्यक्रम मेरी नजरों में सफल हो जाएगा, क्योंकि हम उठाएंगे उस कारणों को जहां से नरेन्द्रदत्त विवेकानंद बनता है।
-विवेक जी "स्वामी विवेकानंद और भारत" व्याख्यान कार्यक्रम से
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि जिनके जीवन में पवित्रता और शुद्धता है वहाँ से ही समर्पण,दान और सहभाजन शुरू होता है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन लोग कहा करते थे की पवित्रता को जीवन में प्रवेश कराएँ।