उधौ के बयाँ से सूरदास जी कहते हैं - उधौ के बयाँ से सब नदियाँ जल जल भरि भरि रहियाँ सागर केहि विधि खारी उधौ क़र्मन की गति न्यारी जब सारी नदियाँ भरभर के जल...
शिक्षक और गुरुभारत ने एक ऐसी सभ्यता को जन्म दिया जिसने हर एक शब्द सोच समझकर रचे और उपयोग भी किया। शिक्षक और गुरु भी ऐसे ही शब्द हैं, एक शब्द दर्शाता...
राष्ट्रपति जी के साथ भेंट विवेक जी ने माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के साथ उनकी दक्षिण यात्रा के समय भेंट की। भेंट के दौरान साम सामयिक विषय और समाज के...
मनुष्य की अस्मिता और चेतना का प्रयोगआध्यत्म और धर्म है। आज से सैकड़ों साल पहले एक सन्यासी ने बिना रुके समस्त भारत की पद परिक्रमा करते हुए, सोते हुए राष्ट्र और संस्कृति के...
राष्ट्रपति से नागपर में भेंट भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से विवेक जी ने नागपुर में मुलाक़ात की, यह भेंट राष्ट्रपति जी के नागपुर दौरे के समय हुई। इस भेंट...
सन्यास मेरी देखी भारत में एक ऐसा मीडिया का वर्ग कार्य करता है जिसने धर्म और आध्यात्मिक संहिता को सबसे बड़ा आघात किया है। और भारत का सीधा साधा मन कभी इस...