उधौ के बयाँ से
सूरदास जी कहते हैं - उधौ के बयाँ से सब नदियाँ जल जल भरि भरि रहियाँ सागर केहि विधि खारी उधौ क़र्मन की गति न्यारी जब सारी नदियाँ भरभर के जल...
उधौ के बयाँ से
शिक्षक और गुरु
राष्ट्रपति जी के साथ भेंट
मनुष्य की अस्मिता और चेतना का प्रयोग
राष्ट्रपति से नागपर में भेंट
सन्यास मेरी देखी