अकेले की यात्रा है, अकेले ही चलना है और जब अकेले चलना है तो 100 क्या कर रहे हैं वो नहीं, हम क्या कर सकते हैं, ये देखने की बात है, ये विवेकानंद होने का परिचय है। असल में भारत की आज महा दुर्दशा है, सड़क की गंदगी हो, घरों के आसपास की गंदगी हो, सड़कों पर हम किस तरीके से चलते हैं, हम कपड़े कैसे पहनते हैं, हमारे घर पर क्या-क्या होता है, हम क्या-क्या खरीदते हैं ? अगर हम सबको एक-एक करके देखने जायें तो हम पाएंगे कि हम वो चीजें केवल इसलिए ही करते हैं, क्योंकि कोई दूसरा कर रहा होता है। अगर द