
जून २०१५ का वह समय गर्मी और उमस से भरा हुआ था, उस भीषण गर्मी के एक दोपहर आनंद ही आनंद के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष श्री अजय सिंह जी ने मुझे अपना फोन देते हुआ कहा "मेरे परम मित्र या बड़े भाई आपसे बात करना चाहते हैं" मैंने उनका फ़ोन हाथ में लिया और दूसरे तरफ से एक शांत और मधुर आवाज़ ने कहा प्रण