
जामसवली पद यात्रा के कुछ अद्भुत क्षण, एक ही दिन में ३८ किलॉमीटर से कुछ ज़्यादा की यह पद यात्रा और इसमें शामिल हज़ारों लोग, आस्था और भक्ति की परम्परा का अनूठा उत्साह, ऊर्जा। अनगिनत लोग पैदल चलते जामसवली के हनुमान जी आशीर्वाद लेते हुए।
श्रद्धेय विवेक जी ने यात्रा के उपरांत कहा कि "समस्त जन जैसे श्री राम की सेना के भक्त हों, अनुशासन, सेवा,प्रेम इस यात्रा का सूत्र है, भक्ति की शक्ति और समाज में युवाओं का प्रयास है, सार्थक शक्ति प्रयोग ही समाज को रचनात्मक बनाता है"







विशाल जामसवली पद यात्रा समिति और अनन्य सेवा भावियों का अभिनंदन।
जय हनुमान, जय श्री राम