
श्रद्धेय विवेक जी, संगीतज्ञ स्वर्गीय पंडित श्री रमेश जी बाकरे की स्मृति में होने वाले नाद-ब्रम्ह संगीत महोत्सव में २५ दिसम्बर को शामिल हुए। श्रद्धेय विवेक जी ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा " संगीत मात्र कला नहीं अपितु सम्पूर्ण जीवन है, जब तक जीवन में संगीत है तब तक जीवन रचनात्मक भी है| पंडित जी जिन्हें हम पूरा क्षेत्र बाबूजी कहकर पुकारता था का सम्पूर्ण जीवन ही संगीत साधने का था, उनकी यही साधना आज अनेकानेक युवाओं को आकर्षित कर रही है, उनकी प्रेरणा इन युवाओं में जीवंत है"

