
हिंसा क्यों ? युद्ध क्यों ? किस युद्ध ने मनुष्यता को पवित्र किया है ? हज़ारों सवाल और निरर्थक युद्धों की वेदी पर स्वयं को समाहित करने वाले असंख्य लोग, जिन्होंने भूख से, दर्द से , ना जाने किन किन आयामों से युद्ध को भुगता है। द्वितीय विश्व युद्ध मनुष्यता के इतिहास का हिंसक अध्याय है।
द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी जान गवाने वाले असंख्य लोगों को मेरी श्रद्धांजलि। ना जाने कितने सपूत इस माटी में समाहित है, नोर्मंडी का यह दृश्य तो मात्र एक प्रतीक है।