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Letters from Europe

एक ऐसी किताब हाथ में है, को १५-१६ वीं सदी में सबसे पहली बार लिखी गयी थी, "वॉइज आफ माइन" यह किसी सैनिक की कहानी थी जो भारत से जुड़े मिथकों के बारे में जो Europe में प्रचलित थे के बारे में बहुत कुछ कहती है। किताब के एक अंश में लेखक कहता है - भारत, भविष्य में जो भी हो पर Europe का वर्तमान भारत पर निर्भर करता है"

मैं किसी प्राचीन पुस्तकालय में था जहाँ प्रदर्शनी से जुड़ी कुछ बातों पर ग़ौर करना था पर यह किताब मिल गयी, इस को पढ़ते हुए लगा कि जो १५-१६ सदी में कहा गया था, वो उतना ही सच है, बदलाव सिर्फ़ इतना ही है - "भारत का भविष्य कुछ भी हो पर -विश्व- का वर्तमान भारत पर निर्भर करता है" ये बात और है भारत अपने बचपने से पिछले ७० सालों से निकल ही नहीं पाया, और विश्व में अपनी भूमिका को अदा ही नहीं कर पाया,विश्व जैसा भी है उसकी एक वजह भारत भी है।

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