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सन्यास मेरी देखी


सन्यास मेरी देखी

भारत में एक ऐसा मीडिया का वर्ग कार्य करता है जिसने धर्म और आध्यात्मिक संहिता को सबसे बड़ा आघात किया है। और भारत का सीधा साधा मन कभी इस आघात को देख नहीं पाया, ये वही लोग हैं जिन्होंने चंद लोगों को, मीडिया का coverage देकर सन्यासी नहीं व्यापारी बना दिया और ये वही लोग हैं जो इन लोगों के पीछे समस्त सन्यास को ही अपवित्र कर देना चाहते हैं।


आख़िर वैदिक मान्यता और इसकी सन्यास परम्परा में आघात आना कहाँ से शुरू हुआ? ये आघात तब बनने शुरू हुए जब मीडिया और व्यापार के वर्गों ने कथावाचकों के पीछे राजनीति और व्यापार की चाय बनाकर लोगों को भ्रमित करना शुरू किया, जब भारत में सन्यास की परम्परा में उन लोगों को मान्यता और शीर्षता देनी शुरू की जिनके पास धन बल हुआ, इससे एक बड़ी बात यह हुई कि जिन लोगों ने जीवन में सन्यास की परम्परा में धन बल को महत्व नहीं दिया वो लोग मीडिया के coverage के बाहर हो गए, और यही लोग हैं जिन्होंने सन्यास की परम्परा को जी