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VIVEK JI

व्यक्ति 

"जब हम रचनात्मक होते हैं तब हम परमात्मा के करीब होते हैं"

-विवेक जी

विवेक जी का जुनून अस्तित्व के कोने-कोने तक पहुंचता है, जीवन में आने वाली हर चीज से उनका सामना होता है, बचपन से ही निडर। बचपन में उनकी रुचि उन्हें भारत के सभी स्थानों पर ले गई, जब 11 साल की उम्र में उन्होंने अपने पहले पवित्र त्योहार कुंभ और फिर चारधाम यात्रा में भाग लिया। कम उम्र से ही साहसी, भाषाओं और संस्कृति में गहरी रुचि, उनकी रुचि और जुनून ने उन्हें अपने कॉलेज और औपचारिक शिक्षा के माध्यम से दुनिया के सभी कोनों में पहुँचाया। उनकी शिक्षा राष्ट्रीय सीमाओं से परे स्कूली शिक्षा और कॉलेज के सभी क्षेत्रों में समाहित है। उनके पास एक ऐसे व्यक्ति का स्पर्श है जो उस भाषा में बोलता है जिसे गांव के बच्चे शीर्ष कॉर्पोरेट, योगियों और साधकों को समान रूप से समझते हैं, जिसका संदेश सबकी की यात्रा शुरू करता है।

Vivek ji in France

Philosopher

Discover not the others but you who is the cause of discovery.

Vivek ji's art work

Artist

When we are creative we are close to divine

Vivek ji

Globetrotter

Living beyond boundaries

Vivek ji's art work

Poet

 I exist within you.......

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