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राष्‍ट्रवादिता

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  • 11 जन॰ 2012
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विवेक जी "स्वामी विवेकानंद और भारत" व्याख्यान कार्यक्रम से

स्वामी जी ने बड़ी महत्‍वपूर्ण बात कही थी, लेकिन भारत इसको रिपिट नहीं कर पाया। वो राष्‍ट्रवादी संत और विचारक की बात करते रहे , लेकिन राष्‍ट्रीयता और राष्‍ट्रवादी होने का अर्थ क्‍या है ? विवेकानंद जी का कहना ये था कि जो महान दान की परंपरा धर्म की रही है न, कि जो हमने पाया हम जाकर सामने वाले को थोड़ा दे देते हैं, जब हम बांटने लगते हैं, देने लगते हैं। विवेकानंद जी वही बात कह रहे हैं कि तुमने जो महान जीवन के आदर्शों से जो पाया समाज के बीच अगर थोड़ा बहुत दे दो तो तुम्‍हारी राष्‍ट्रीयता घटित हो गई, यही राष्‍ट्रवादिता है।


-विवेक जी "स्वामी विवेकानंद और भारत" व्याख्यान कार्यक्रम से

 
 
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