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विवेकानंद जी - राष्ट्रवाद
विवेकानंद जी ने राष्ट्रवाद की जब बात की थी, कहा था कि ऐ धर्म में जीने वाले तुम लोग प्रतिक्षण धर्म के आधार से समाज के प्रति नए नियम बनाने...
Admin
11 जन॰ 20131 मिनट पठन


धर्म-समाज
मैं बिल्कुल विवेकानंद जी की बात से सहमत हूं कि धर्म समाज के प्रति उदासीनता नहीं है, लेकिन साथ ही साथ धर्म और आध्यात्म की बात करने वाले...
Admin
11 जन॰ 20121 मिनट पठन


राष्ट्रवादिता
स्वामी जी ने बड़ी महत्वपूर्ण बात कही थी, लेकिन भारत इसको रिपिट नहीं कर पाया। वो राष्ट्रवादी संत और विचारक की बात करते रहे , लेकिन...
Admin
11 जन॰ 20121 मिनट पठन


नरेन्द्र दत्त - विवेकानन्द
उन कारणों पर जाना बड़ा जरूरी है कि वो कारण क्या थे, जिनके कारण से कहीं कोई नरेन्द्र दत्त विवेकानन्द बनने पर मजबूर हो जाता है,...
Admin
11 जन॰ 20121 मिनट पठन


व्यवस्था के मंदिर
आपने देखा लोग मंदिर जाते हैं , हम ऐसे स्थल पर आ रहे हैं, जहां पर प्रभु विराजमान है, जिससे इस पूरी पृथ्वी का, इस पूरे संसार की नियम और...
Admin
11 जन॰ 20111 मिनट पठन


धर्म की यात्रा
अकेले की यात्रा है, अकेले ही चलना है और जब अकेले चलना है तो 100 क्या कर रहे हैं वो नहीं, हम क्या कर सकते हैं, ये देखने की बात है, ये...
Admin
11 जन॰ 20111 मिनट पठन


विवेकानंद जी और भारत
यह चर्चा महाराष्ट्र में माननीय विवेक जी द्वारा की गयी थी जिसका जिसको मात्र टाइप करके आपके सामने प्रस्तुत किया गया है। आप इसकी ऑडियो...
Admin
12 जन॰ 201030 मिनट पठन


विवेकानंदजी जैसा चरित्र
विवेकानंदजी जैसा चरित्र पैदा होता है, जब जीवन के अंदर प्रतिक्षण सवाल होते हैं और सवालों के प्रति हमारी गहरी आस्था भी होती है। मैं कहूँ ...
Admin
11 जन॰ 20101 मिनट पठन


विवेकानंदजी की जयंती
बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि आज वो लोग जो विवेकानंदजी की जयंती आज इतने दिनों से मना रहे हैं, अगर विवेकानंदजी की बात 11 सितंबर और अमेरिका के...
Admin
11 जन॰ 20101 मिनट पठन


Admin
11 जन॰ 20100 मिनट पठन


विवेकानंदजी की बात
एक मजेदार बात रही कि विवेकानंदजी की बातचीत होती है। कई सालों से कार्यक्रम यहां पर चल रहे हैं। बहुत सारे लोग यहां पर आए हैं और आए होंगे।...
Admin
11 जन॰ 20101 मिनट पठन


विवेकानंदजी की देन
आज एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि विवेकानंदजी, आज मैंने बताया कि टीवी देख रहा था, बहुत दिनों बाद देखी। विवेकानंदजी एक बात कहते थे - 'मानव...
Admin
11 जन॰ 20101 मिनट पठन


मालाओं की पद्धति
मजेदार तथ्य यह है कि जब इतिहास ने, जब भारतीय इतिहास ने इस सिविलाईजेशन ने, जब मालाओं की पद्धति लाई थी, जब मालाएं पहनाई जाती है तो बहुत...
Admin
8 सित॰ 20091 मिनट पठन


राजनैतिक शून्यता
यह चर्चा बंगलोर में वर्ष २००८ के मध्य में की गयी थी ।ये शब्द माननीय के द्वारा कार्यक्रम के दौरान बोले गए हैं, इन्हें जस का तस रखा गया है...
Admin
18 सित॰ 20087 मिनट पठन
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