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विवेकानंदजी की बात

  • Writer: Admin
    Admin
  • Jan 12, 2010
  • 1 min read

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विवेकानंदजी की बात

एक मजेदार बात रही कि विवेकानंदजी की बातचीत होती है। कई सालों से कार्यक्रम यहां पर चल रहे हैं। बहुत सारे लोग यहां पर आए हैं और आए होंगे। कई तरीकों से विवेकानंदजी पर बातचीत हुई होगी। आप सबने विवेकानंदजी की जयंती भारत में पिछले 80-90 सालों से जब से विवेकानंदजी कहीं अपने शरीर को छोड़कर गए, भारत ने विवेकानंदजी के बारे में जयंतियाँ काफी मनाई, बहुत जयंती मनती है, लंबी-लंबी चर्चा होती है। उत्तिष्‍ठ भारत: जागृत युवा हो, जगे, खड़ा हो, अपने गोल के तरफ जाएं, लंबी-लंबी बातें होती रहती है। ये सब बातें आपने बहुत सुनी होगी। मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहता, इसलिए बात नहीं करना चाहता, क्‍योंकि मुझे लगता है कि हम उसके आदि हो चुके हैं। उनसे कहीं कुछ होता जाता नहीं। हम हर साल आते हैं, 12 तारीख को कार्यक्रम मनाते हैं, विवेकानंदजी की बात करके चले जाते हैं। जब गेट से बाहर निकलते हैं तो हम वही होते हैं जैसे हम आए थे।  


-विवेक जी "स्वामी विवेकानंद और भारत" व्याख्यान कार्यक्रम से

 
 
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